धरा से गगन तक है सूना ही सूना,
धरा भी है सूनी, गगन भी है सूना।
न जाने ये कैसा दिवस आज आया,
धरा से “गगन” आज, हुआ है पराया ।✍️
💔🙏
धरा से गगन तक है सूना ही सूना,
धरा भी है सूनी, गगन भी है सूना।
न जाने ये कैसा दिवस आज आया,
धरा से “गगन” आज, हुआ है पराया ।✍️
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