
माँ ने ऐसा feed किया,
कुछ दूध में अपने घोल कर ।
सबकी चिंता रही उसे,
बस अपनी चिंता छोड़ कर
अक्सर बेटी त्याग- भाव में,
कितना कुछ कर जाए।
“नारी तुम केवल श्रद्धा हो”,
इस पथ को अपनाए ।
सिद्दार्थ छोड़ घर से जब निकले,
गौतम बुद्ध बन आते ।
और यशोधरा चिंतित हो कहती ,
सखी वो मुझ से कह कर जाते ।
पुत्र की भिक्षा दे गौतम को,
खड़ी थी हाथ वो जोड़कर ।
माँ ने ऐसा feed किया ,
कुछ दूध में अपने घोल कर…..
राम की अर्धांगिनी बन सीता,
वन – वन साथ निभाए
आदर्श पुरुष बन गए राम,
पर सीता धरा समाए ।
पुत्रों का संग पाकर पी गई,
जीवन के दुख घोल कर ।
माँ ने ऐसा feed किया,
कुछ दूध में अपने घोल कर …..
सत्यवान की चिंता में,
सावित्री ने शक्ति लगाई,
पति की उम्र बढ़ाने को ,
वो यम के पीछे आई।
थकी नहीं वो कन्या तब तक,
विजय ना पाई मौत पर,
माँ ने ऐसा feed किया ,
कुछ दूध में अपने घोल कर …..
मेवाड़ की पन्ना धाए को,
इतिहास भुला ना पाए।
रानी का वचन निभाने को,
सुत अर्पण कर आए।
अश्रु नयन में थाम खड़ी वो,
जैसे फूल हो शूल पर।
माँ ने ऐसा feed किया,
कुछ दूध में अपने घोल कर…..
झांसी की रानी भी रण में,
बिगुल बजा कर आई,
पर वो माँ थी, पुत्र की चिंता,
उसके दिल में छाई।
बांध पीठ पर पुत्र को अपने,
चली युद्ध घुड़दौड पर।
माँ ने ऐसा feed किया,
कुछ दूध में अपने घोल कर…..
इंदिरा ने भी देश की चिंता,
में थी जान गवाई,
माँ की इकलौती बेटी,
दुर्गा अवतार में आई,
दे गई खून का हर इक कतरा,
देश प्रेम में तोल कर ।
माँ ने ऐसा feed किया,
कुछ दूध में अपने घोल कर…..
सदी बीसवीं में बेटी ने ,
माँ की छवि थी पाई।
मदर टेरेसा नाम से महिला,
दुनिया भर थी छाई।
सेवा – भाव से भारत आई ,
सीमाएं सब तोड़ कर।
माँ ने ऐसा feed किया
कुछ दूध में अपने घोल कर…..
अपने देश की एक कल्पना ,
थी आकाश में छाई ।
विज्ञान के रथ में बैठ के वो,
ऊंची उड़ान पर आई।
अपनों के मिलने से पहले,
सो गई यादें छोड़कर।
माँ ने ऐसा feed किया,
कुछ दूध में अपने घोल कर,
सबकी चिंता रही उसे,
बस अपनी चिंता छोड़ कर।✍️
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Published by (Mrs.)Tara Pant
बहुत भाग्यशाली थी जिस स्नेहिल परिवार में मेरा जन्म हुआ। education _B.Sc. M.A.M.ed.
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मां ने कुछ ऐसा फीड कराया था
जो तुझको एक कवियत्री बनाया था।
अति सुंदर भाव
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एक कोशिश बस।🙏
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Feed nahi guhte pillae
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संस्कारों की घुट्टी,😀
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👍
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धन्यवाद जी ।
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Beautiful…
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Thank you ji.
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वाह। गागर में सागर। एक कविता मगर कई कहानियां संजोए हुए। बेहतरीन।
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धन्यवाद जी आप ने सराहा।🙏
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Beautiful poem….enjoyed reading every bit of it!
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Thank you Dr. Dipti for praising the pen.
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बहुत सुंदर कविता
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धन्यवाद जी।
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Nice poem🙏
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Thank you .
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गहन अभिव्यक्ति है ।इतिहास को सजोये कविता की पंक्तियो नें माँ का रूप उभार दिया ।अति सुन्दर वर्णन किया है ।
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आप की समाज सेवा भी इसी का एक रूप है ।सराहना के लिए दिल से धन्यवाद।🙏
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