
पिछले वर्ष महाराष्ट्र में कई मंदिरों के दर्शन पाने का आशीर्वाद मिला। ‘शनि शिंगणापुर’ जाकर एहसास हुआ कि व्यक्ति केवल इस देवता से डरता है शायद । सबसे हटकर था यह मंदिर । ना कोई प्रवेश शुल्क, ना कोई चढ़ावा ,न कोई पुलिस हजारों की भीड़ क्रम बद्ध पंक्ति, फिर भी अनुशाशन इतना कि सब की नजर केवल शनि महाराज पर थी । दर्शनीय था वो मंज़र वो सादगी वो ‘श्रद्धा’ वो अनुशासन। साक्षात न्याय के देवता की उपस्थिति का अहसास कभी ना भूल पाने वाला क्षण बन गया ।✍️
अति सुन्दर वर्णन किया है ।जय जय शनि देव ।
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सादगी , श्रद्धा और क्षमा भाव की सहज अभिव्यक्ति सबके चेहरे पर प्रकट होती है ।🙏
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सुंदर वर्णन। जय शनिदेव।🙏
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