तेरा- मेरा मेरा-तेरा,
इसी जन्म का प्रश्न है।
फिर तो देखो जब जाएंगे ,
मनता फिर भी जश्न है ।
दुनिया में आने के छै दिन
बाद हमारी छटी मनी।
जाने के बस तीन ही दिन में,
होने लगी उठावनी।
तेरा-मेरा मेरा-तेरा ,
इसी जन्म का प्रश्न है….।
आने के महीनों तक देखो,
खुशी मनाई जाएगी ।
पर जाने में कुछ दिन तक ही ,
एक दिया जल जाएगा।
तेरा-मेरा मेरा-तेरा,
इसी जन्म का प्रश्न है … ।
अन्नप्रासन का जश्न मने तब,
सब पूछे क्या खाएगा ,
और तेरहवी प्रश्न ये पूछे,
पंडित क्या बनवाएगा ।
तेरा-मेरा मेरा-तेरा,
इसी जन्म का प्रश्न है…..
बड़े हुए जब परिचय ‘ ये हैं ‘
कह कर जाना जाएगा ।
जाने पर’ ‘ये वो थे’ कह कर ,
हमको पहचाना जाएगा।
तेरा- मेरा मेरा- तेरा
इसी जन्म का प्रश्न है…..
जीते जी हर परिचय में,
हाथ मिलाया जाएगा ।
जाने पर हर परिचय में ,
तस्वीर पे रुख हो जाएगा ।
कोई कब्र में और कोई,
चिता-भस्म हो जाएगा।
तेरा-मेरा मेरा-तेरा,
इसी जन्म का प्रश्न है ।
इसीलिए जब तक जिंदा हैं ,
जश्ने- जिंदगी मनाए हम ।
धरम- भरम की बात छोड़ ,
इक प्रेम- रंग रंग जाएं हम । ✍️
जीवन के सार को सुन्दर शब्दो में पिरोया है ।अति सुन्दर रचना है ।
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शब्दों की सहमति के लिए आभार।🙏
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🙏
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Thank you .
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सत्य लिखा आपने 🙏
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बहुत ही खूबसूरती से सत्य को शब्दों में पिरोया है। बिल्कुल सबकुछ यहीं है और इसी वक्त।कल को किसने देखा। 👌👌
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,🙏
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https://dear-zindagi.com/कोरोना-corona/
Ek plz dejhiyega
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Life is like a festival…if we see in this way..it will be easier to enjoy each and every moment…all ups and down….
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Thank you dear Ap Ap.God bless you.
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