
खिचड़ी मेरी ज़िंदगी,
खिचड़ी मेरी जान।
जीभ बिगड़ जाए आपकी,
न खाना कुछ श्रीमान।
न खाना कुछ श्रीमान,
तुम खिचड़ी खाना सीखो।
मेरे जैसा जीवन
तुम अपनाना सीखो।
चार कटोरे चावल हों तो,
तुवर लेना एक ही मुट्ठी।
दस मिनट में बन जाएगी,
होगी बर्तन की भी छुट्टी।
जो परोसे खिचड़ी उसको
सूत्रबतादो देकर प्यार।
खिचड़ी के हैं चार यार,
दही ,पापड़ , घी, अचार।
स्वाद से फिर तुम
खिचड़ी सब संग
ख़ाकर बैठो ।
पांच बजे तक फिर
बिस्तर में जाकर लेटो।
उठ कर बैठो तब बातें
मन की तुम कर लो
बची खुची खिचड़ी भी
रात की प्लेट में रख लो।
यदि सीखा ये नुस्ख़ा तुमने
मुझसे आकर जी लोगे ,
सौ बरस वहीं तुम पूरे जाकर।
*तुअर-अरहर दाल। ✍️
👌👌👍nice
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प्रिय गरिमा तुम्हें पसन्द आई म। धन्यवाद
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स्वागत सर 🙏🙏
जी सर बहुत अच्छी कविता है 👌👌
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बहुत सुंदर 💞🌼❤😆 आप ने मेरी कविता खीर की याद दिला दी🌼
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ओह पढ़ नहीं पाई खीर।एक बार publish कीजिए मन कर रहा है उसे पढ़ने का।
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Accha abhi kerta pr thori देर में फिर हटा लूंगा …😊❤
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Thank you.
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https://drnimish.wordpress.com/2020/03/25/%e0%a5%99%e0%a5%80%e0%a4%b0/
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Wao कितनी माँ का प्यार भरा है इस खीर में। ये तो खिचड़ी नाम सुन कर ही कहते हैं कुछ और भी बना है क्या ? मैं कहती हूँ कद्दू की ज़ब्जी क्यों कि वो भी मुझे बहुत पसंद है।😄 खैर … आपकी खीर ममतामयी थी मैने पढ़ी ये मेरा सौभाग्य।🎉👌
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आप बहुत प्यारी हो माता जी , प्रणाम❤🌼
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🤗
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खिचड़ी और खीर दोनों ही लाजवाब,
अगर माँ हो संग,
फिर खुशियाँ बेहिसाब।
बहुत ही खूबसूरत रचना।👌👌
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😊😊… khichdi bnwa hi diya apne, didu… bdia bni h👌
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Thank you Nitesh.kitna pyara llikhte ho tum .Tumhara ‘didu’ likhna ajnabi sa nahi lgta.mai kho jaati hoo is shbd me.A lots of love to you.💝
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khichdi chahiye apke hath ki…
pyara wyar apni jagh,Didu..
pr kichdi se koi smjhota ni.😝
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कहाँ रहते हो UP स्टेट या MP?
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UP, “GHAZIPUR” Zila
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205 km की दूरी पर है इमरान प्रतापगड़ी वो भी बहुत खूब लिखते गाते हैं दिल से।
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ji… bahut khub likhte h, Imran saab
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apka zmini judaaw, UKd. ka lgta h?
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सच कहा पर उस आसक्ति में भी विरक्ति सी है।
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और ऐसा क्यों?
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अंगूर खट्टे हैं।😄
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😄😄
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Mouth watering picturesque description….tempted to make one today….lovely to read!
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Thank you Dipti. I m thinking about kaddu ki sabji also it’s my favourite.😄
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This is amazing.
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😃
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I like kichdi
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👍🙏कभी मिलकर खाने का मन करता है।
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अब कभी कद्दू की सब्जी 😋
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मेरी भी प्रिय खिचड़ी….👌👌👏👏😊
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धन्यावाद Shree.🤗
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nice poem ..
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Thank you Varsha.
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Thank you Varsha.🌷
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खिचड़ी की जब हुई फ़रमाइश
सुन कर बहु थी हरषाई
फ़ोन लगा सहेली से बोली
अभी सभी को खिचड़ी खिलाते है
फिर दोनो अपनी खिचड़ी पकाते है
आपने इतना अच्छा लिखा कि चार पंक्तिया लिखने का दिल कर गया। बहुत ही सुंदर रचना 👌👌🙏🌻😊
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Love you dear.💕
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😊🤗🙏🌻🎆
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Bahut khub… 👏
Banana v asaan, swaad v bharpur
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Thank you dear Seli.
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चार कटोरे चावल हों तो,
तुवर लेना एक ही मुट्ठी।
दस मिनट में बन जाएगी,
होगी बर्तन की भी छुट्टी।
बहुत अच्छा और बहुत आसान रेसिपी
धन्यवाद .👍
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😄👍🌷
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Nice👏
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