
रघुपति राघव राजाराम।
पतित पावन सीता राम।।
सीता राम सीता राम।
भज प्यारे तू सीता राम।।
ईश्वर अल्लाह तेरे नाम।
सबको सन्मति दे भगवान।
रघुपति राघव राजा राम ।
पतित पावन सीता राम।।
संदर्भ: यह भजन हमारे राष्ट्र पिता महात्मा गांधी को बहुत पसंद था। यह भजन हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथ ‘गीता’ में दिए भजन से कुछ अलग था जिसमें गाँधीजी ने समय की मांग के अनुसार और सभी धर्मों के लोगों को जोड़ने के लिए कुछ नई पंक्तियों को स्वयं जोड़ा था। स्वतंत्रता के दिनों में यह भजन घर घर गाया जाने लगा। इस भजन ने भावनात्मक रूप से एक दूसरे को बांध दिया था। गाँधीजी के राम केवल हिंदुओं के नहीं वरन सभी धर्मों की अपनी अपनी आस्था के प्रतीक थे । ईश्वर अल्लाह में भी वो समाहित हो जाते थे। गाँधीजी के इस पसंदीदा भजन में देश के लोग केवल प्रेमभाव में मग्न हो जाते थे। यही तुलसी के रामचरित मानस में रामजी का आदर्श मानव चरित्र भी था ।✍️
आइए गाँधीजी के पसंद की ये राम धुन का आनंद लें।,
The devotee of Rama prays him by different names as Raghupati,Raghav or as the Lord Rama He believes that lord Rama can even purify the sinners.He is also called by Allah or God.The devotee prays for good under standung to all people. under standung or wisdom to all the people.
Wordings :
Raghu pati Raghav
Raja Ram.
Patit Pawan Sita Ram.
Sita Ram Sita Ram.
Bhaj Pyare tu SitaRam.
Ishwar allah tere naam.
Sbko sanmati de bhagwaan.
Raghupati Raghav Raja Ram Patit pawan Sita Ram.
Enjoy that Ram dhun.✍️
रघुपति राघव राजाराम। पतित पावन सीता राम।।
मुझे ये भजन बहुत प्रिय है
Regards 🙏
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Thank you Dilip.
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🌷
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Heart touching
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जय सिया राम 🙏🙏
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I salute you 👍
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💝
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