
इस locked down में आज ना जाने क्यों तरुण सागर दिगंबर महाराज जी की याद आ गई। वैसे तो किसी विशेष गुरु की भक्त नहीं हो पाई परंतु कृपालुजी महाराज के वेदों की स्मरण शक्ति एवं तरुण सागर जी के प्रवचन बिना पूरा सुने अधूरा सा लगता। कभी कभी तरुण सागर जी का चेतावनी देते प्रवचन देना धीमे स्वर में बोलते बोलते स्वरों का ऊंचा कर देना जैसे पूरे मस्तिष्क में प्रतिध्वनि पैदा कर देता।
उस दिन उनके प्रवचन का वो किस्सा याद आता है जब उन्होंने अपने मित्र से पूछा,”हाल चाल कैसे हैं ?” मित्र ने उत्तर दिया ,”बस समय काट रहा हूँ।” उसके बाद उत्तर में तरुण सागर जी का प्रतिध्वनित करता वो उत्तर,”अरे तू समय काट रहा है या समय तुझे काट रहा है ?”
Loc ked down के 5 महीने से ऊपर हुए।
तबसे किसी के हाल चाल पूछने पर ये जवाब देने से डरती हूँ कि बस समय काट रही हूँ । तबसे कहती हूँ, ‘ऊपर वाले की कृपा से समय अच्छा चल रहा है ।’✍️
अति सुंदर लेखनी।
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🙏🌷
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😊
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Nice thoughts 🙏
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Thanks .🌷
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सुन्दर रचना है आपकी ।
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सराहना के लिए शुक्रिया बहन।🌷
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👌👌😊👍
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🌷
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सकारात्मक बोलना,ओर सोच रखना जीवन में बहुत आवश्यक है 👌🏼🙏🏻
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👍💕
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Positivity is infectious…thankyou for a positive writeup at his time of crisis.
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👌👌🌻🎆
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Thank you for visiting my blog and giving friendly comments, I appreciate it.
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Thanjs dear.🌹
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बिल्कुल सही।
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🎉🌷
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वाह 👏👏👏👏👏
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Shukriya Aradhana.🌷
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🙏
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अति सुंदर
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🙏
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