
बापू अपने देश में देखो
कैसी आंधी आई,
फिर से तुमको मारी गोली
और फिर बटीं मिठाई।
कुर्सी में आसीन हुए जो,
दया ना उनको आई।
बापू अपने देश में फिर से
कैसी आंधी आई…
देख हुआ है मन ये विचलित,
मन ही मन रोता है।
सत्य अहिंसा प्रेम-भाव,
सब विलुप्त होता है ।
बापू अपने देश में देखो
अद्भुत रीति ये आई।
फिर से तुमको मारी गोली
और फिर बटीं मिठाई।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
प्यार भरा रिश्ता है।
इसी प्रेम-बंधन में ही तो
संविधान बसता है।
फिर से देश को बांट रही जो,
कोई प्रेतात्मा आई।
फिर से तुमको मारी गोली
फिर से बटीं मिठाई।
छोटी छोटी बातों में जो
ट्वीट किया करते हैं।
वो इन नफरत की बातों में
खामोश रहा करते हैं।
आज ना जाने क्यों फिर से
चरखे की याद है आई।
फिर से तुमको मारी गोली
फिर से बटीं मिठाई।
धर्म राज कह कर स्वयं को
देश को बांटे नेता।
जनता के अधिकार छीन कर
बना बड़ा विक्रेता।
द्वेष भाव देखा जबसे,
आंखें असंख्य भर आईं।
फिर से तुमको मारी गोली
फिर से बटीं मिठाई।
आज जन्मदिन है तुम्हारा,
शास्त्री जी भी आए।
चलो मिलें सब एक साथ
फिर नारा एक लगाएं।
जय जवान और जय किसान
से गगन भेद कर आएँ।
जनता का आपस में झगड़ा,
कितना है दुख दाई।
फिर से तुमको मारी गोली
और फिर बटीं मिठाई।
बापू अपने देश में देखो
कैसी आंधी आई।
फिर से तुमको मारी गोली
और फिर बटीं मिठाई। (2-10-20)✍️
बहुत सुन्दर👏👏👏
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बहुत सुंदर
गांधी के विचारों की आज बेहद जरूरत है
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👍
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बेहतरीन, बेहद उम्दा👌👌
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Thanks a lot.
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Beautiful and so true. I sincerely hope we wake up before it is too late.
God bless you
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🙏👍
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We can relate to each word in today’s time…beautifully written
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Thank you dipti for sharing it.🤗
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वर्तमान समय के कड़वे सच को दर्शाती हुई बहुत सुंदर रचना 👏👏👏👌🏼🌷
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शुक्रिया अनिता ।🤗
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Well written on 2 Oct
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Thank you for appreciating the poem.🤗🌷
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बढ़िया लेखन….क़लम की ताक़त से बदलाव लाना ज्यादा प्रियतर है….अहिंसा का मार्ग
बापू को सच्ची श्रद्धांजलि ✌😊❤
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आभार Nimish आपका remark आनंद दाई है।
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😍🌼😃♥
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बेहतरीन कविता लिखा है।
बापू के तीन बन्दर आज भी जिंदा हैं।
एक बिल्कुल बोलता नही वो है हम जनता,
दूजा कुछ भी नही देखता वो न्याय की कुर्सी पर बैठा
और तीजा कुछ भी नही सुनता वो सिंघासन पर बैठा।
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सही कहा आपने।
रचना सराही आपका शुक्रिया।
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बहुत सुंदर रचना
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