इक बच्चे ने आकर
मुझको बातें हैं समझाईं।
मासूम है जीवन अपना
मगन रहो मेरे भाई।
कुछ तो समझ गई मैं पर,
कुछ कुछ समझ ना पाई।
एक तरुण ने आकर
मुझको बातें हैं समझाईं।
जितनी कर सकते हो मेहनत
कर लो मेरे भाई।
जीवन तो है इक जुगाड़,
तुम जोड़ लो जितना भाई।
कुछ तो समझ गई मैं पर,
कुछ कुछ समझ ना पाई।
इक वयस्क ने आकर
मुझको बातें हैं समझाईं।
जितनी चिंता कर सकते हो,
कर लो तुम मेरे भाई।
घड़ी जो निकली जाती है,
फिर लौट कभी न आई।
कुछ तो समझ गई मैं पर,
कुछ कुछ समझ ना पाई।
एक बुजुर्ग ने आकर
मुझको बातें हैं समझाईं।
दो पल के जीवन में अपने
थी समुंद्र गहराई ।
इक दिन आने का था बस,
इक दिन जाने का भाई।
थोड़ा थोड़ा समझी हूँ ,
जब पल में भूलूँ भाई । 🤔 ✍️
* * * * * * * * * * * * *
वाह 👌🏼मनन के लिए प्रेरित करने वाली रचना 👏👏
जीवन कल नहीं
जीवन आज भी नहीं
जीवन अभी है, इस पल में है 😊
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💕👍🌹
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बहुत ख़ूब… 👌👌👌सच में ज़िन्दगी
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,🎉🌹
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Happy new year !💐 😊
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💖🌻🌹same to you and your family.
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बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
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शुक्रिया ।🙏
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बेहतरीन। सभी अपने अपने उम्र के हिसाब से सोचते हैं।👌👌
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शुक्रिया।
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स्वागत आपका।
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बेहतरीन👌👌
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Well penned . It’s not just poetry even It’s a message to all for understand the life facts .
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🙂🌹thanks Anjali .
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सार्थक रचना 💕
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