चाहे बोलो ईश्वर अल्लाह
चाहे बोलो रब,
मानव-धर्म बड़ा है सबसे,
मिल नाओ ना सब।
मैं हिन्दू तू मुस्लिम कह कर,
कब तक बाँटे जाओगे ?
टूट टूट कर बच्चों को कल,
कौन सा पाठ पढ़ाओगे ?
इस मानव -धर्म में देखो
सबकी एक ही आशा ।
दुख -सुख हंसना- रोना सबकी,
देखो एक ही भाषा।
ऊपर वाले को ही कहते,
ईश,अल्लाह और रब।
मानव धर्म बड़ा है सबसे,
मिल जाओ ना सब।
ऊपर वाले की भाषा को
तुम जानोगे कब ?
मानव धर्म बड़ा है सबसे
मिल जाओ ना सब
इक दूजे का दुख बांटो तो,
आधा हो जाता है।
सुख जब बांटो दूजे से तो,
दुगना हो जाता है।
अनुभव के इन भावों को
तुम पहचानोगे कब ?
मानव धर्म बड़ा है सबसे,
मिल जाओ न सब।
संविधान से शक्ति लेकर
प्रेम की डोर बनाओ।
इसी प्रेम की डोरी से
प्रगति-पतंग उड़ाओ।
आनन्द इस उड़ान का देखो,
मिल जाएगा तब।
मानव धर्म बड़ा है सबसे,
मिल जाओ ना सब ।
चाहे बोलो ईश्वर अल्लाह,
चाहे बोलो रब,
मानव- धर्म बड़ा है सबसे,
मिल जाओ ना सब । 🙏✍️
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
आभार,
आपको भी स्वातंत्र्य कि ७५ वी वरसी पर बहुत बहुत शुभकामनाएं।
जयहिंद।
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🎉🎉💝🇮🇳💖🙏🤗
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Bahut sunder bhav sunder shabdon me piroye gaye.
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💖 गीताजी आभार आपने सराहा । 🇮🇳🙏🏻
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बहुत सुन्दर प्रस्तुति सुन्दर शब्दों में ।
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😊🤗💕🇮🇳🙏🏻
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अति सुंदर भाव 👌👌
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आभार।
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