वो खिलखिलाती
तो वो थे मुस्काते।
जरा भी नज़र थे
न उस से हटाते।
वो पल कैसे बीते
जो थे इतने मीठे।
वो उसके दीवाने थे,
थी वो भी दीवानी।
सच मानो सच्ची थी
उसकी कहानी।
जब से गई दूर
उसकी वो छाया
वो भी है गुम सुम
है कंकाल काया ।
पल भर की छाया
जीवन की माया ।
ये लम्हे जो देखे,
मुझे याद आया…
मुझे याद आया….। ✍️
Nice lines💕💕
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Thanks dear.
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My pleasure.🙏
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