आज facebook में उसे देखा युवा हो गया है । नाम पढ़ते ही वो बच्चा याद आया।सीधा-सादा भोला -भाला सा वो महा राष्ट्रीयन बच्चा । मैं क्लास टीचर थी उसकी । एक कमजोरी थी मुझमें मेरे क्लास के बच्चों को कोई पिटाई लगाता तो जाने क्यों उस टीचर से पिटाई का कारण पूछने पहुँच जाती।
उस दिन सवेरे class attendance के समय देखा था कि एक बच्चा लगातार क्लास में 7-8 दिनों से absent था। उन दिनों बच्चे तांगे में भी आया करते थे। एक बच्चे ने आकर बताया, मैडम वो घर से तो आता है लेकिन फूल बाग में उतर जाता है। फूलबाग हमारे स्कूल से लगभग 1/2 किलोमीटर दूर रहा होगा । बच्चे की बात सुन कर घबरा गई थी मैं ।। उन दिनों मेरे पास Tvs हुआ करती थी । बच्चे की चिंता में बिना Principal sir की permission लिए ही मैं फूलबाग पहुँच गई ।गाड़ी सड़क के किनारे खड़ी कर फूल बाग में उसे ढूंढने लगी ।तभी एक पेड़ के नीचे बैठा वो बच्चा पढ़ रहा था । उसकी पीठ मेरी ओर थी ।मैं धीरे धीरे उसकी ओर बड़ रही थी । मुझे डर था कि कहीं फिर भागने ना लगे । उस बाग के किनारे ही बहुत चलती फिरती सड़क थी। ऐसे में दुर्घटना का डर था । मैं धीरे से उस से बोली, बेटा क्या बात है ? स्कूल में अच्छा नहीं लगता ? वो सुबक सुबक कर रोते हुए बोला maths समझ में नही आता । इसलिए मार पड़ती है। daily एक excercise home work मिलता है ।
मैने स्नेह से उसके सिर में हाथ रखा उसे अपने पास लाई बोला अब कोई तुम्हे नही मारेगा , अगर किसी ने मारा तो मैं पुलिस बुला लूँगी ।
उसने अपना बैग उठाया और मेरी स्कूटी के पीछे बैठ गया ।तब उस बच्चे को अपनी स्कूटी के पीछे बिठा मैं झांसी की रानी का सा एहसास कर रही थी।
स्कूल आते ही मैने उस अध्यापिका को जानकारी दी कि बच्चा maths में punishment के डर से फूल बाग में बैठ जाया करता है एवं छुट्टी में फिर तांगे में घर चला जाता है। आगे से ऐसा न हो ।
हमने बात को ज्यादा बढ़ाया नही ,नहीं तो बच्चे में बुरा असर होता। हर month की 10th को parents teacher मीट होती थी । अक्सर उस बच्चे की बड़ी बहन आया करती थी । वो KRG college की student थी ।उस दिन उसकी आँखों में आंसू थे । हम …बहनों का एक ही भाई है ,आपने बचा लिया उसे । तब लगा स्कूल की मैडम शब्द में भी माँ का सा दम तो होता है ।
बचपन कितना innocent होता है । जरा सी स्नेह में वह असीम ताकतवर सा हो जाता है और जरा सी भय में वो कितना सहम जाता है । daily home work बहुत से बच्चों को कितना डराता है । ✍️
Beautifully presented the narration , enjoyed it🌷❤️
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Though some events were bitter in their time but now their memories are sweet .😊
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बहुत ही सुन्दर लेख ।।सब कुछ सजीव हो उठा ।
निराकार साकार हो गया।
आत्मा कभी मरती नहीं
मरती सदा ही देह है।
👌💖💖🙏🕉️🙏💖💖👌
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सच कहा आपने ।🌹
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