
इतना प्यार दिया तुमने,
सब आँसू सूख गए
मेरे सब आँसू सूख गए।
क्या रिश्ता है मेरा तुमसे,
कभी न जाना,
पर जबसे माना बस,
तुमको अपना माना।
दिल का होता दिल से रिश्ता
कैसे बता गए।
इतना प्यार दिया तुमने
सब आँसू सूख गए……
मौसम था पतझड़ का
मैं थी मेरे आँसू थे।
ना जानूँ कब तुम आए थे ,
सींचा तुमने पतझड़ इतना
पत्ते हरे हुए।
इतना प्यार दिया तूमने
सब आँसूं सूख गए….
जबसे देखा इस सपने को,
बहुत अलग पाया अपने को।
तुम ही थे बस तुम ही,
जबसे तुम आए थे।
और न कोई भाया था,
बस तुम भाये थे।
दुख लेने सुख देने का
एहसास जगा गए ।
इतना प्यार दिया तूमने
सब आँसूं सूख गए….
मेरे सब आंसू सूख गए। ✍️
Sundar rachna👌👌
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Glad you liked it .🌹🙏🏻
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Ek marmik kavita 👌
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आपको पसंद आई ।आभार।🙏
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❤️
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सुन्दर रचना
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Beautiful lines for a loving one! Well written thank you 💓🙂🌹
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