ये तेरा ये मेरा इसी जनम का प्रश्न है।
साँसों के संग छूट जाएंगे
मन के सारे टशन हैं ।
मेरा तेरा तेरा मेरा
इसी जनम का प्रश्न है ।
देखना जाएंगे जब हम,
मनता कैसा जश्न है ।
दुनिया में आने के छै दिन बाद
हमारी छठी मनी।
जाने के बस तीन ही दिन में
होने लगी उठावनी।🌠
पांच माह में हुआ अन्नप्रासन।
क्या क्या हमें खिलाया था।
जाने के बारहवीं में पूछें,
कितनों को खिलाना है।
एक बरस तब मना जन्मदिन,
अब बरसी कहलाएगी।
जन्मदिन में बंटी मिठाई,
अब ज्योती जल जाएगी।
जीवन तो आना जाना है ।
कुछ दिन का ठौर ठिकाना है।
आज है उसकी बारी,
कल अपना नंबर आना है।
कुछ यादें बस छोड़ चलेंगे।
लेने का ना कोई प्रश्न है।
देखना जाएंगे जब हम ,
मनता कैसा जश्न है। ✍️
the very heart-touching poem, this is the real truth which you have written.
thankyou,
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आभार आपका .🙏🏼
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Philosophical lines , so deep ,
I truly enjoyed the rhyme and rhythm💕💕
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Thanks Reenabist, the literary lady.💖☺️
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So true, so touching! A beautiful piece of poetry 👌👌
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Thank you KK for your valuable comment.🙏
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सत्यता को कविता में उतार दिया बहुत सुंदर पंक्तियां लिखी हैं
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Thanks dear sis.💕🌹
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