आज उस विज्ञापन को देख कर याद आया जो रिश्ते भले ही पल भर के हों लेकिन अक्सर याद आते हैं।
मेरी बहन दीपा भाई को प्यार से मनीष कहा करती थी ।सभी बहने भाई से बड़ी थीं इसीलिए भाई के आगे पीछे रहतीं।
उस दिन दीपा भाई को साईकल की अगली सीट पर बिठा भीड़ भरी सड़क पर निकल गई। तभी अचानक पीछे से आने वाली आर्मी मिलिट्री ट्रक से साईकल का पिछला हिस्सा टकराया और दोनों सड़क के किनारे गिरे। घर में दूध देने वाले ने बताया कि रास्ते में बिटिया की साईकल ट्रक से टकराई है। भैया को सिर पर चोट आई है। मेरे पिता बहुत भावुक थे इसीलिए आशा छोड़ दी थी। पर तुरंत उस स्थान पर पहुँचे जहाँ बहन ने बताया जैसे ही हम गिरे पास में ही एक आदमी सड़क में झाड़ू लगा रहा था वो ही उस भीड़ के बीच से उठा कर भैया को कन्टोन्मेंट अस्पताल ले गया।
पिता को उस सफाई कर्मचारी में लगा जैसे ईश्वर के दर्शन हुए हों।हालाकि वह कर्मचारी वहाँ न थाऔर न ही मेरे पिता ने उसे देखा था। बहुतों के कहने पर भी पिता ने वह हॉस्पिटल नहीं बदला। वे बोले जहाँ वो व्यक्ति ले आया इलाज वहीं होगा।
श्रद्धा से उतपन्न इन रिश्तों में कितनी शक्ति होती है ये धर्म जाति को पीछे छोड़ जाते हैं ।केवल उस रिश्ते का व्यक्तित्व सामने आता है..।
मुझे याद है अपने बचपन की हम बबीना कैंट में रहते थे।पिता के साथ प्रतिदिन सुबह walk पर निकलते । घर से कुछ दूरी पर ही मन्दिर गुरुद्वारा और मस्जिद एक के बाद एक थे। पिताजी हमें उसी क्रम से मन्दिर ले जाते मन्दिर के पंडितजी हमें एक केलिन्डर दिखाते कि अगर इस जन्म में अच्छा काम करोगे तो स्वर्ग जाओगे बुरा काम करोगे, झूठ बोलोगे ,चोरी करोगे तो आग में रखी तेल से भरी गरम कढ़ाई में तले जाओगे। मन्दिर से बाहर आकर हम वाहे गुरु का नाम लेकर प्रशादा लेते और मत्था टेकते ।मस्ज़िद आने पर हम रुकते और फिर सजदा करते । पिता की दी गई उस सीख में पूर्ण श्रद्धा थी।
बहुत शक्ति थी उनकी श्रद्धा में । भाई जल्दी ही स्वस्थ होकर घर आया। लगा जैसे मन्दिर, मस्ज़िद, गुरुद्वारा सभी का समागम मेरे घर मे हो गया हो । सभी आकर स्वस्थ होने की बधाई दे रहे थे। ✍️
एक अत्यंत प्रेरक प्रसंग।
LikeLiked by 2 people
🙏🎉🎈🎈🎈
LikeLiked by 2 people
श्रद्धा विश्वास में बहुत शक्ति होती है, बेहद सौम्यता से कलम को दिशा देते हुए आपने प्रेरक प्रसंग साझा किया है, धन्यवाद❣️
LikeLiked by 2 people
प्रिय लेखिका Reenabistआपके द्वारा सराहना मेरी कलम को लिखने की प्रेरणा देते हैं। आभारी हूँ।🌹
LikeLiked by 1 person
भावपूर्ण सुंदर अभिव्यक्ति 👌🏼👌🏼🙏🏼
LikeLiked by 3 people
धन्यवाद अनिता जी।
LikeLiked by 1 person
फ़िल्मी सितारों के बारे में तो सुना था लेकिन परिवार में भी कोई “स्टार “ हो सकता है , ये तारा दीदी के व्यक्तित्व से पता लगा । जिनकी लेखनी एक जादुई छड़ी ( magical wand ) के ऊपर चमकते सितारे की तरह है जो पल भर में शब्दों का जादू बिखेर देती है … कभी लगता है आप अगर पटकथा लेखक बन जातीं तो कई और सितारे भी चमक जाते
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ! 🌟🎂🎉
LikeLiked by 3 people
प्रिय तनुजा वो जो मेरा भाई है न आनंद आप उन्ही की life पार्टनर हैं।😀 सिर पर निशान देखा होगा आपने ।थोड़ा सहला देना हमारी ओर से ।
तुमने blog पढ़ा, समय दिया बहुत बहुत स्नेह।💕🎉
LikeLike
Thank you dear Tanuja.love you.
LikeLike
श्रद्धा से उतपन्न इन रिश्तों में कितनी शक्ति होती है ये धर्म जाति को पीछे छोड़ जाते हैं ।केवल उस रिश्ते का व्यक्तित्व सामने आता है..। well said..Beautifully written.
LikeLiked by 2 people
हिंदी भाषा में ब्लॉग देखकर खुशी हुई और एक उम्मीद सी जागी कि हम भी कुछ कर सकते हैं। वरना तो हिंदी लुप्त होती जा रही है। धन्यवाद जी 🙂
LikeLiked by 2 people
हिंदी हमारी अंतरंग भाषा है। आपने पढ़ा पसन्द किया आभार।🌹
LikeLike
भावपूर्ण 😊
LikeLiked by 2 people
Thank you you liked it.
LikeLiked by 1 person
Yes only his enormous faith can got him cure. Well shared 🙂😊💕loved to read it.🙂💕
LikeLiked by 1 person
Thank you Priti. Glad, you gave your time to read and response.🌹
LikeLike
It’s my pleasure 💓wishing you happy 2022. Stay blessed.🤗🎉
LikeLiked by 1 person
Same to you with all my heart.
LikeLike
You are welcome 💓🤗🎉
LikeLiked by 1 person