घृणाभाव से जला था दीपक ।
दीपक में लग गई थी आग।
उस आग से जल कर बत्ती,
बनकर बैठ गई थी नाग।
दिया नही था पूजा का वो,
जो रखा पूजा की ओट।
उसी ओट से नकली हिन्दू,
करते है धर्मों पे चोट ।
दया भाव है धर्म हमारा
धर्म सभी देते हैं ज्ञान।
इसी लिए तो सब धर्मों का,
हम करते आए सम्मान ।
धर्मों से कैसा बंटवारा
धर्म सभी का अपना प्यारा ।
लोगों को भयभीत करा जो
मांगा करते धरम का वोट ।
इसी वोट से गद्दी आई।
भस्मासुर ने शक्ति पाई।
रहना इनसे सावधान।
‘सब धर्मों का हो सम्मान।
धर्म हमे देते ये ज्ञान । ✍️
Bahut khub ❤️❤️
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Thank you Reena you read and liked.🌹
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❤️❤️
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