○न जाने कुछ वर्षों से है, कौन सा ग्रह यह आया ।हिन्दू मुस्लिम करके उसने,जनता को भरमाया।कुछ अपनी ही कंपनियों का, पड़ा है उस पर साया।देश को ना बिकने दूंगा,था नारा एक लगाता ,पर एक एक करके था ,सब कुछ बिकता जाता।अबकी बार गले की फाँसबन गए अन्न दाता ।⛏️जिनको अब तो ना उगलाऔर नाContinue reading “आंदोलन।⛏️🚜”
Author Archives: (Mrs.)Tara Pant
वो क्यों हारी । 😢
जो बेटी घर की चहल-पहल ।थी कोमल जैसे एक कमल। निर्मल मन घर से जो निकल, थी रही टहल ।छलके वो नयन, पल पल छल छल ।गरल भरा वह कोलाहल ।किसने जीवन में दिया दखल ?वह दुर्बल मन हो गई विह्वल ।जैसे ‘बूंद गिरे धरती के पटल’ । मरने के बाद वो क्यों मारी ?बिनContinue reading “वो क्यों हारी । 😢”
Happy Deepawali.💖
Dhanteras is celebrated because it is the birthday of Dhanvantri, the father of medicine and ayurveda.The real DHAN is our health. So today, let’s all pray for each other and our families for the best of health for everyone’s physical, spiritual, emotional, and mental well being. Anand. Happy Dhanteras💖🙏🎉
आज बहुत रोया ये थैला।
आज बहुत रोया यह थैला ।लटके लटके हो गया मैला ।कबसे कार में नहीं हूँ बैठाजबसे बॉस तुम्हारा ऐंठा।ले जाते थे मुझे बाज़ार।भरते मुझमें चीज हज़ार।कभी न मैंने ना ना कीसारी ताकत से भर लीं।सोचा पहला भोग तुम्हारामुझको ही मिल जाता था।पल भर की बस इसी ख़ुशी मेंकितना मैं खिल जाता था।सोचो कितने महिनों से,छुपाContinue reading “आज बहुत रोया ये थैला।”
बाती दीपक की।
कैसा है ये मेल,समेटे अपने अंदर तेल। जलाने पतली सी बाती को।शिक्षा देती उस स्वाति को । लक्ष्मण-रेखा में सिमटी सी,जीवन ज्योति जलाती जाती। धीमे धीमे मिटती जाती ।अंधकार से लड़ती जाती । चर्च में कैंडल रूप बनाए।प्रेयर में जैसे जुट जाए। मन्दिर में ये रखी जाती ।और मज़ारों में दिख जाती। तेल जलाता जिसContinue reading “बाती दीपक की।”
एक विचार 🤔
जिस घर में होता रावण एक, विभीषण स्वयं बन जाता है। घर का भेदी लंका ढाता, अयोध्या क्यों नहीं ढाता है ?✍️
रंग बिरंगा बाग बगीचा।🇮🇳
रंग बिरंगा बाग बगीचा सबको था भाया।कलियां थीं और खिले फूल थे,भंवरा भी मंडराया।वर्षों से थे माली इस सुंदर फुलवारी में।स्वर्ग जमीं पर ले आने कीथे तैयारी में ।देख खिले फूलों को ,दूजा भी खिल जाता था।एक अगर मुरझाया तो,दूजा मुरझाता था।फूलों का सौंदर्य देखलोग वहां आते थे।रंग बिरंगी तितली चिड़ियाआनंद दे जाते थे।पर इकContinue reading “रंग बिरंगा बाग बगीचा।🇮🇳”
ना सीता ना..ना।😪
मत बनाओ सीता बेटी कोअग्नि परीक्षा कब तक देगी ?कब तक दुख भुगतेगी ?राम तो राज्य करेंगे फिर से,वो धरती रुख करेगी ?ना ना ना ना….उसको भी पतलून पहन करसैनिक एक बनाओ ।चारों ओर घिरे जो रावणमनमानी करते हैं।उनको अग्नि देनी हो गर तोज्वाला इसे थमाओ।✍️
दुलहिन सा वृक्ष।💖🎺
एक पेड़ क्रेन से आया । जड़ में बहुत सी मिट्टी लाया । क्रेन की धुन सुन माली आया। पेड़ देख वो था मुस्काया। अपने बाग़ में जगह बना कर, उसे सहेजा और लगाया । उसकी महक सभी को भाए। जैसे इक सुंदर सी दुलहिन घर में आए और घर के मंदिर में , पहलाContinue reading “दुलहिन सा वृक्ष।💖🎺”
नन्दू सच बोला।👍🤗
नन्दू नन्दूहाँ दादी ।खाया लड्डू ?हाँ दादी ।सच तो बोला ?हाँ दादी।इतना भोला ?हाँ दादी।आजा राजा ।हाँ दादी ।गोदी आजा।हाँ दादी।✍️