रिश्ते जो मन से होते हैं, तन से उनका क्या लेना।
मन ही मन में पलते हैं वो,चलता है लेना देना।
प्रभु को किसने कब देखा है ,
पर दर्शन हो जाते हैं।
मन मंदिर में जब वो आते,
नयन स्वयं झुक जाते हैं।
कुछ रिश्ते माँ की छाया से, उम्र का उनसे क्या लेना।
प्यार से जब बातें हों उनसे, लगता माँ का आ जाना।
भावों को किसने कब देखा ,
अश्रु जहाँ बह जाते हैं।
भाई सी छवि माँ सी बातें,
सब उसमें पा जाते हैं ।
कुछ रिश्ते जो जन्म से होते, दूरी का तब क्या लेना ।
सारी उम्र रहें वो दिल में , रहता है आना जाना। 💖💕✍️
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