नोट:यहां 24 शब्दों को उल्टा सीधा कर प्रयोग किया गया है।
मन-नम,मत-तम,नर-रन(रण),
राज- जरा,रामा-मारा,मरा-राम,
हार-रहा,दावा-वादा,बस-सब,
हक-कह,सहसा-साहस,
जगा-गाज,शव-वश,नींबू-बूनी,
रस-सर, दीन-नदी,जब-बज,
राधा-धारा,तन-नत,नाम -मना,
सच-चस, गर-रग,जीते-तेजी, रत-तर।😃 👇
मन को नम कर,
मत तम तू फैला ।
नर है तू रन ना कर।
राज जरा बता हमको,
रामा रट कर मारा उसको।
वो मरा राम के नाम पे जो,
वो कौन हारा ?
राम दुखी हैं,
मरा जो मानव,
किसने मारा ?
हार रहा है तू मानव ।
दावा जो किया ,
वादा तो निभा।
बस सब ,
हक से कह और
करके दिखा।
सहसा साहस
को जगा।
गाज ना गिरा।
शव नहीं है तू
वश स्वयं को
कर ले तू।
जैसे नींबू- बूनीं
में रस सर
तक है भरा।
दीन असंख्य यहाँ।
नदी प्रेम की बहा ।
घुंघरू मन के
जब हैं बज ते ।
राधा- धारा
बहती मन पे।
मन नम
होकर गाए।
तन नत ,
हो जाए।
नाम अनेक
प्रभु के।
मना इनको
सभी के ।
सच का चस का,
गर रग में तेरे ,
जो समाए।
तू मन जीते
तेजी से
और प्रभु में
रत हो कर
तर जाए। ✍️